Friday, October 30, 2009

सफलता के आठ सूत्र

दूसरों से प्रेम करने की शुरुआत पहले अपने से ही प्रेम करने से होती है। अपने से प्रेम करना हमेशा आत्ममुग्धता नहीं होता। यहाँ अपने से प्रेम करने का मतलब है, अपनी सभी खूबियों और कमियों के साथ अपने को अनकंडीशनली स्वीकार करना। इसे सेल्फ इम्प्रूविंग भी कहा जाता है। इसका मतलब यह भी है कि इससे हम अपने को बेहतर ढंग से जान पाते हैं। इसलिए अपने को एप्रीशिएट करना आना चाहिए। इसका मतलब अपनी क्षमताओं और योग्यताओं में विश्वास करना। स्टूडेंट्स अपने को इम्प्रूव करने के लिए इन आठ सीढ़ियों का इस्तेमाल करेंगे तो ज्यादा बेहतर बनेंगे।
1। रचनात्मक आलोचना करें : हर कोई अपना कटु आलोचक हो सकता है, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि हर स्टूडेंट्स को अपनी कंस्ट्रक्टिव आलोचना करना सीखना चाहिए। आप ऐसा संभव कर सकें तो बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं। इसलिए अपने दिमाग में आ रहे नकारात्मक भावों को खत्म करें और रचनात्मक आलोचना करें।
2। माफ करें :कई बार होता है कि स्टूडेंट्स अपनी पास्ट लाइफ में की गई गलतियों को नहीं भूलते और अपने को इसके लिए कभी माफ नहीं करते। यही कारण है कि वे किसी ट्रामा या ट्रेजेडी से कभी पूरी तरह उभर नहीं पाते। इसलिए जिस तरह हम दूसरों की गलतियों को सहजता से भूल जाते हैं, उन्हें माफ कर देते हैं, ठीक इसी तरह अपनी गलतियों के लिए अपने को भी माफ करना चाहिए।
3। ईमानदारी : सच का सामना ईमानदारी से करें यानी अपने से कभी झूठ न बोलें। यदि आप अपने प्रति ईमानदार रहेंगे तो ही दूसरों के प्रति ईमानदार हो सकेंगे। यह बात करियर से लेकर फ्रैंडशिप तक में काम आती है। ऑनेस्टी इज द बेस्ट पॉलिसी।
4। अपने में विश्वास : यह बात कभी नहीं भूलना चाहिए कि हम सभी में कुछ खास है। हर स्टूडेंट्स में कुछ न कुछ खासियत होती है। इसलिए अपनी किसी भी क्षमता, कुशलता और योग्यता या किसी भी तरह की खासियत में विश्वास रखिए।
5। यारा सिली सिली : याद ऱखिए कि जब आप बच्चे थे तो इस बात कि कभी चिंता नहीं करते थे कि आपके बारे में कौन, क्या सोचता है। इसलिए इस दुनिया का सामना एक बच्चे की तरह करें और बच्चे की तरह ही रिएक्ट करें। कभी बबल्स बनाएँ, कभी कोई सिली सॉन्ग गुनगुनाएँ और कभी बच्चों की तरह फनी फेस बनाकर इस जिंदगी का मजा लें। गंभीरता कई बार जिंदगी का मजा किरकिरा कर देती है। एन्जॉय द लाइफ विद स्माइल।
6। ग्रेटिट्यूड एक्सप्रेस करें : हम हमेशा प्रार्थना करते हुए ईश्वर को धन्यवाद देते हैं कि हमारी जिंदगी में सब कुछ अच्छा हो रहा है या कि हम स्वस्थ हैं, खुश हैं। इसलिए दूसरों को किसी अच्छे काम के लिए धन्यवाद दें, उनके प्रति ग्रेटिट्यूड एक्सप्रेस करें। यह अपने से प्रेम का ही एक तरीका है। इससे आप एक बेहतर इंसान बनते हैं।
7। समय निकालें : स्टूडेंट्स करियर और कॉम्पटिशन की आपाधापी में दौड़ते-हाँफते रहते हैं। रिलेक्स होने के लिए पर्याप्त समय निकालें। यह आपकी स्पिरिट पर जबर्दस्त असर करती है। अपने पंसदीदा म्यूजिक सुनें या वह करें, जिसमें आप भरपूर एन्जॉय कर सकें।
8। जोखिम लें : कई बार स्टूडेंट्स किसी तरह का जोखिम लेने से डरते हैं। वे चाहते हैं कि वे अपने कम्फर्ट जोन में ही रहें। याद रखिए केल्कुलेट रिस्क कभी किसी को नुकसान या आहत नहीं करती। इसलिए अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर कुछ अच्छा, अतिरिक्त करने की कोशिश करें। यह तुरंत कॉन्फिडेंस बढ़ाता है।-------------- पंकज तिवारी सहज 

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