Saturday, June 27, 2009

आस्था का स्थल इलाहाबाद

पंकज तिवारी "सहज"
इलाहाबाद हमारे भारतवर्ष का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल माना जाता है। जनश्रुति के अनुसार इलाहाबाद में एक अनोखा मंदिर है हनुमान मंदिर। यह भव्य मंदिर इलाहबाद किले के पास स्थित है। उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थस्थल इलाहाबाद के हनुमान मंदिर में भगवान सोई हुई अवस्था में हैं। इलाहाबाद में हनुमान मंदिर पर्यटकों के लिए एक मुख्य आकर्षण का केन्द्र है।प्रति वर्ष हजारों श्रद्धालु इस भव्य मंदिर में दर्शन करते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहाँ दर्शनकर भक्त जनों की मनोकामनाएँ पू्र्ण होती हैं।गंगा, यमुना, सरस्वती तीन भव्य नदियों का संगम यहाँ पर होता है इसलिए भारत के प्रमुख पवित्र स्थानों में इलाहाबाद प्रमुख है। पहले यह प्रयाग के नाम से यह स्थान प्रसिद्ध था । इलाहाबाद में श्रद्धालुओं के लिए अन्य आकर्षण के केन्द्र भी हैं:-- महाकुम्भ मेला जोकि अपने ऐतिहासिक, आध्यात्मिक महत्व एवं विशालता के लिए प्रसिद्ध है। इस स्थान पर बारह सालों में एक बार कुंभ का मेला आयोजित होता है। आस्था शिक्षा एवं संस्कृति से ओत-प्रोत इस नगरी में प्रति वर्ष माघ मेले का आयोजन होता है। सम्राट अकबर ने 1583 में यमुना तट पर किला बनवाया था। किले के अंदर 232 फुट का अशोक स्तम्भ आज भी सुरक्षित है।
पातालपुरी मंदिर की मान्यता है कि किले के भूगर्भ में भगवान राम चित्रकूट-गमन के समय इस स्थान पर आए थे। मनकामेश्वर मंदिर यह मंदिर अन्य शिवालयों में से प्रमुख हैं। यह यमुना जी के पवित्र तट पर स्थित है.
नवरात्रि के समय असंख्य श्रद्धालु इस मंदिर में एकत्रित होते हैं। अलोपीदेवी मंदिर में प्रत्येक सोमवार एवं शुक्रवार के दिन असंख्य श्रद्धालु आते हैं।नवरात्रि के दिनों में देवी की पूजा-अर्चना होती है। इस प्रसिद्ध भव्य मंदिर में एक शक्तिपीठ में एक कुण्ड एवं ऊपर एक झूला पूजित होता है।यह मन्दिर दारागंज रोड पर अलोपीबाग में स्थित है।

हनुमत निकेतन : इस मंदिर में मुख्य मूर्ति हनुमानजी की है, दक्षिण भाग में श्रीराम, लक्ष्मण और जानकी की मूर्तियाँ हैं तथा उत्तर भाग में गुत्रगा की प्रतिमा स्थित है।कल्याणीदेवी मंदिर प्रयाग में स्थित यह मंदिर एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। मंदिर में तीन मुख्य मूर्तियाँ हैं। कल्याणी देवी के बाएँ तरफ छिन्नमस्ता देवी की मूर्ति है और दाएँ तरफ शंकर-पार्वती की मूर्तियाँ हैं।

स्वराज भवन- आनंद भवन 1930 में मोतीलाल ने इस भवन को राष्ट्र के नाम समर्पित कर दिया था परंतु यह अब स्वराज भवन के नाम से जाना जाता हैं। यह भवन नेहरू परिवार के स्मारक निधि का कार्यालय तथा चित्रकला से संबंधित बाल विद्यालय चल रहा है। किसी स्थान के इतिहास से परीचित होना चाहते हैं तो वहाँ के संग्रहालयको आप देख सकते हैं। ऐतिहासिक एवं अनोखी वस्तुओं से युक्त इस संग्रहालय की स्थापना सन् 1931 में की गई थी। इस संग्रहालय में ई। पूर्व शताब्दी के अवशेष प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें प्राचीन वाद्य यंत्र, पाषाणकालीन पत्थर, प्राचीन मूर्तियों की वीथिकाएँप्रमुख हैं।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय उच्च शैक्षणिक सांस्कृतिक नातानरण के कारण विश्व प्रसिद्ध इस विश्वविद्यालय की स्थापना 1872 में हुई थी। इस विश्वविद्यालय को ‘ऑक्सफोर्ड ऑफ दी ईस्ट’ के नाम से जाना जाता है ।
खुसरोबाग लगभग 17 बीघे क्षेत्र में फैला हुआ ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल है। माना जाता है कि जहाँगीर के पुत्र खुसरो को इस बाग में स्थित पूर्वी इमारत में दफनाया गया है।यहाँ की मुख्य भाषा हैं हिंदी, अँग्रेजी, उर्दू, एवं अवधी भाषा(इलाहाबादी) जोकि वहाँ की स्थानीय भाषा हैं। यहाँ के निवासी खड़ी बोली भी में बातचीत करते हैं।
पंकज तिवारी"सहज"

1 comment:

वीनस केसरी said...

मुझको मेरे इलाहबाद से मिलवाने के लिए धन्यवाद
वीनस केसरी